होम लोन टैक्स लाभ 2025: धारा 80C, 24(b) और अधिक (Tax Benefits)
जानें कि होम लोन पर आप कितना टैक्स बचा सकते हैं। मूलधन और ब्याज पर कटौती के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80C, 24(b) और 80EEA की पूरी गाइड।
होम लोन टैक्स लाभ 2025: धारा 80C, 24(b) और अधिक
भारत में घर खरीदना केवल रहने की जगह नहीं है, बल्कि टैक्स बचाने का एक बड़ा साधन भी है। भारत सरकार घर खरीदारों को प्रोत्साहित करने के लिए आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के तहत कई छूट प्रदान करती है।
यदि आप स्मार्ट योजना बनाते हैं, तो आप अपनी ईएमआई (EMI) का एक बड़ा हिस्सा टैक्स रिफंड के रूप में वापस पा सकते हैं।
मुख्य निष्कर्ष (Key Takeaways)
- धारा 80C: मूलधन (Principal) पुनर्भुगतान पर ₹1.5 लाख तक की कटौती।
- धारा 24(b): ब्याज (Interest) भुगतान पर ₹2 लाख तक की कटौती।
- संयुक्त ऋण (Joint Loan): पति-पत्नी दोनों अलग-अलग ये लाभ उठा सकते हैं (कुल लाभ दोगुना!)।
- नई कर व्यवस्था (New Regime): ध्यान दें, नई कर व्यवस्था में इनमें से कई छूट उपलब्ध नहीं हैं।
1. मूलधन पर छूट: धारा 80C (Section 80C)
आपकी ईएमआई का जो हिस्सा मूलधन (Principal) कम करने में जाता है, वह धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए योग्य है।
- सीमा: ₹1.5 लाख प्रति वर्ष।
- शर्त: इसमें पीपीएफ (PPF), ईपीएफ (EPF), एलआईसी (LIC) और बच्चों की ट्यूशन फीस भी शामिल है। यदि आपका पीपीएफ पहले से ही सीमा भर देता है, तो होम लोन का लाभ नहीं मिलेगा।
- स्टांप शुल्क: पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क भी इसी धारा के तहत क्लेम किए जा सकते हैं (केवल खरीद के वर्ष में)।
- लॉक-इन अवधि: यदि आप 5 साल के भीतर घर बेचते हैं, तो पुरानी सभी छूट आपकी आय में जोड़ दी जाएंगी और टैक्स लगेगा।
2. ब्याज पर छूट: धारा 24(b) (Section 24b)
यह घर के मालिकों के लिए सबसे बड़ी राहत है।
- सीमा: ₹2 लाख प्रति वर्ष (खुद के रहने वाले घर के लिए)।
- किराये पर दी गई संपत्ति: यदि आपने घर किराए पर दिया है, तो ब्याज कटौती की कोई सीमा नहीं है (पुरानी व्यवस्था में कुछ शर्तों के साथ)।
- निर्माण पूर्व ब्याज (Pre-construction Interest): घर का कब्जा मिलने से पहले दिए गए ब्याज को 5 समान किस्तों में कब्जा मिलने के बाद क्लेम किया जा सकता है।
3. संयुक्त होम लोन का जादू (Joint Home Loan Hack)
अगर घर की कीमत ज्यादा है और लोन बड़ा है, तो ₹2 लाख की ब्याज सीमा कम पड़ सकती है। समाधान: अपनी पत्नी/पति के साथ संयुक्त रूप से घर खरीदें और संयुक्त रूप से लोन लें (Joint Loan)।
परिणाम:
- आप ₹1.5 लाख (80C) + ₹2 लाख (24b) क्लेम कर सकते हैं।
- आपकी पत्नी भी ₹1.5 लाख + ₹2 लाख क्लेम कर सकती है।
- कुल पारिवारिक लाभ: ₹7 लाख तक की टैक्स छूट!
4. पुरानी बनाम नई कर व्यवस्था (Old vs New Regime)
यह 2025 में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है।
- पुरानी व्यवस्था: आप होम लोन के ब्याज और मूलधन पर छूट का दावा कर सकते हैं।
- नई व्यवस्था: कर की दरें कम हैं, लेकिन धारा 24(b) और 80C के तहत कोई कटौती नहीं मिलती (खुद के रहने वाले घर के लिए)।
यदि आपके पास बड़ा होम लोन है, तो अक्सर पुरानी कर व्यवस्था (Old Regime) ही आपके लिए बेहतर होती है। गणना करना आवश्यक है।
5. निष्कर्ष
होम लोन एक बोझ है, लेकिन टैक्स छूट इसे हल्का बनाती है। अपना आईटीआर (ITR) दाखिल करते समय ब्याज प्रमाण पत्र (Interest Certificate) बैंक से लेना न भूलें। और यदि आप शादीशुदा हैं, तो संयुक्त लोन के माध्यम से कर लाभ को दोगुना करने पर विचार करें।
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